28.7.06

तनहाई

उजाले ने मुझ अन्धेरे को एक राह दिखाई
उन राहो में पाई सिर्फ और सिर्फ परछाई

जब हमने अपने दिल की बात उन्हें बताई
हमारे हिस्से में आइये सिर्फ और सिर्फ रुसवाई

आखों में आसूं बन्कर उनकी यादें है आयी
रेह गयी है तो सिर्फ और सिर्फ ये तनहाई

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