बिखर जाओ तुम उन् पत्तों की तरह॥
जो पतझड़ में नए पत्तों की राह बन जाते है॥
बिखर जाओ तुम उन पेहली बूंदो की तरह॥
जो खुद को खोकर जीवन की आस भरते है॥
बिखर जाओ तुम उस हसी की तरह॥
जो गम में रहकर कुशियाँ बिखेरती है॥
जो पतझड़ में नए पत्तों की राह बन जाते है॥
बिखर जाओ तुम उन पेहली बूंदो की तरह॥
जो खुद को खोकर जीवन की आस भरते है॥
बिखर जाओ तुम उस हसी की तरह॥
जो गम में रहकर कुशियाँ बिखेरती है॥
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