पल पल ने कहा एक पल से....
आज ने बदलते कल से...
नम होके साहिल ने बदल से...
और किसी मुसाफिर ने पेड के अच्चल से...
वजह तुम्हारी मैं या मेरी वजह तुम...
यह तो एक राज़ है॥
और किसी मुसाफिर ने पेड के अच्चल से...
वजह तुम्हारी मैं या मेरी वजह तुम...
यह तो एक राज़ है॥
जिन्दगी का चलते रहना ही...
हमारा एक काज है..
No comments:
Post a Comment