अन्धेरों में रोशनी की उम्मीद करता हूँ...
उजली दूप में बादल की छाव धून्डता हूँ...
तन्हाईयो में दोस्तो को याद करता हूँ...
दोस्तो के संग भी में तन्हा रहता हूँ..
आँखे खुली रख में एक चेहरा ढून्डता हूँ..
आँखे बन्दकर ही हमेशा उसे पाता हूँ...
My poems, my experiences, my blah blah
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