18.4.07

मिला गयी

बत्तें उन बातों की जो बत्तें रह गयी
कहानियां उन कहनियों की जो किसी ना सुनी
एहसास उन कुश्बू की जो मुझ में बस गयी
जिन्दगी उन जिन्दगी की जिसमें तुम मिला गयी

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