फिजा से कोई नमी ना छिनो, ताजगी चली जायेगी...
सुबह से कोई लाली ना छिनो, खुबसुरती चली जायेगी...
फूल से कोई कोमलता ना छिनो, सादगी चली जायेगी...
मुझ से कोई सपने ना छिनो, उमंग चली जायेगी...
सुबह से कोई लाली ना छिनो, खुबसुरती चली जायेगी...
फूल से कोई कोमलता ना छिनो, सादगी चली जायेगी...
मुझ से कोई सपने ना छिनो, उमंग चली जायेगी...
1 comment:
क्या बात है
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