ख्वाब जीवन की अधूरी कडी है॥
आशा नीराशा की डोर इसपे ही टिकी है॥
सुख के सावन में ये डर के बादल लाते है॥
दर्द के रेगिस्तान में खुशियों के फूल खिलाते है॥
आनेवाले कलका ये अंदेशा ले आते है॥
बदलाव के लिए तैयार रहे यहीं हमे सिखाते है॥
आशा नीराशा की डोर इसपे ही टिकी है॥
सुख के सावन में ये डर के बादल लाते है॥
दर्द के रेगिस्तान में खुशियों के फूल खिलाते है॥
आनेवाले कलका ये अंदेशा ले आते है॥
बदलाव के लिए तैयार रहे यहीं हमे सिखाते है॥
3 comments:
hiiii this 1 is nice i liked it.
this poem conveys both effects of dreamin
a nicely drafted one
....though i still dont understand the last 2 lines ..dont they stand apart from the rest
harshal pls explain how do dreams help up foresee somethin
its sweet....durva
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