आज असमान में मुझसा कोई नजर आ गया..
दीन ढलके रात का समा अजीब छा गया..
दील सा मेरा टूटा तारा जो गीरा जमीन पर..
रह गया वोह हजारों में बिखर कर..
छीन गया है जो मेरा प्यार मेरा यार..
सांसे बंद होने का ही, बस है इंतज़ार..
दीन ढलके रात का समा अजीब छा गया..
दील सा मेरा टूटा तारा जो गीरा जमीन पर..
रह गया वोह हजारों में बिखर कर..
छीन गया है जो मेरा प्यार मेरा यार..
सांसे बंद होने का ही, बस है इंतज़ार..
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