बदनसीबी ऐ मेरी, इतनी खुशनसीब तू नही॥
रुला दिया तुने मुझ को, पर गम में मैं नही ॥
हराने की थी पूरी कोशीश, पर हर्नेवालो मैं हम नही ॥
रुला दिया तुने मुझ को, पर गम में मैं नही ॥
हराने की थी पूरी कोशीश, पर हर्नेवालो मैं हम नही ॥
My poems, my experiences, my blah blah
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