6.6.06

सूरज ढल गया तो क्या

आज सूरज ढल गया तो क्या हुआ..
राह-बर बंकर कोई जुगनू जरूर चमकेगा..

आज अँधेरा हो गया तो क्या हुआ...
रोशनी की किरणों को लिए कोई कासिद आयेगा .

आज गम-में डूब गए तो क्या हुआ
खुशियों का संदेसा लिए कोई गम-गुस्सर आयेगा..

राह-बर = guide
कासिद = messenger
गम-गुस्सर= comforter

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