28.7.06

तनहाई

उजाले ने मुझ अन्धेरे को एक राह दिखाई
उन राहो में पाई सिर्फ और सिर्फ परछाई

जब हमने अपने दिल की बात उन्हें बताई
हमारे हिस्से में आइये सिर्फ और सिर्फ रुसवाई

आखों में आसूं बन्कर उनकी यादें है आयी
रेह गयी है तो सिर्फ और सिर्फ ये तनहाई

16.7.06

हार ना मानो

शोलो में जलकर पिघलना फौलाद की फितरत है
नए रुप में ढल जाना यह उसकी आदत है
बदलाव का सामना करना यह हमारी किस्मत है
बदल कर भी ना बदलना यह हमारी हिम्मत है

कुडिया पुणे वाली

थोड़ीसी अच्छी थोड़ीसी प्यारी
थोड़ी नक्चडी थोड़ी भोली-भाली
चेहरेपे दुप्पटा क्यों रखती है
यह..कुडिया पुणे वाली

मुम्बई की कुडिया नज़र चुराती है
यहा की कुडिया नज़र गडाती है
चेहरेपे दुप्पटा क्यों रखती है
यह..कुडिया पुणे वाली
in pune u get stare back for a stare..
smile for a smile..from a girl..
its just ...unbelievable..hehe

pune ke roads..

जिन्दगी के चौराहे पर नही कोई निशान..
किस राह पर चल हम छुएंगे कोई मक़ाम..
तेढी मेढी राहोंपे चलना नही है आसान...
भूल भुल्ल्या में अटक कर रेह गया है इन्सान..

हर मोडपे नई दिशा में मूड जाते है..
आसमन और ज़मीन के बीच कही अटक जाते है..
गर्दिश में कोई दर्शक मिलभी जाते है ..
तो हम अपने मज़ील पे कभी पहुच जाते है..

uljhan

अन्धेरों में रोशनी की उम्मीद करता हूँ...
उजली दूप में बादल की छाव धून्डता हूँ...
तन्हाईयो में दोस्तो को याद करता हूँ...
दोस्तो के संग भी में तन्हा रहता हूँ..
आँखे खुली रख में एक चेहरा ढून्डता हूँ..
आँखे बन्दकर ही हमेशा उसे पाता हूँ...

दास्ताँ मेरी engineering की

दास्ताँ सुनाता हूँ अपनी engineering की यार..
किस तरह गुजरे हमारे ये साल चार..
पेहले में तो था बहुत बुरा हाल..
अपनी ही क्लास में होते थे हम मेहमा..
चार subject में थी हमारी attendance zero..
principal ने बुलाया और बन गए हम क्लास हीरो..
assignments को छापना हमने याहा से किया शुरू..
forty पे all clear होगये, बच गए गुरू..

दुसरे साल सोचा थोडा अब सुधर जाते है यार..
कोशिश की हमने फिर भी हमे KT लग गई यार..
सुट्टा और दारू इस्सी साल try किया हमने...
rock influence होके बाल बढ़ाये हमने..
पेहली viva के लिए किये अपने बाल कुर्बान..
सुधर ने कि कोशिश में हम करते रही वोही कम..

तीसरे कि स्टार्ट में ही होगया हमे किसी से प्यार..
हालत पर अपनी वैसे ही थी जैसे पेहली थी यार..
rockshow में पेर्फोर्म कर मिला "u suck" का खिताब.
xerox से ही हमेशा पढ हमने उसे की किताब..
पढ़ाई की हमने इसबार बहुत जमके..
पेहली ६० मारी हमने इसी साल में..

चौते में तो प्यार मेरा टूट गया..
फिर भी दोस्तो का प्यार बढ़ता गया..
फ़ाइनल year कहके college सिर पर उठा लिया..
कैंटीन को ही अपना एक lecture room बाना दिया..
हरेक दिन हमने दोस्ती का नया त्यौहार मनाया..
बिछड ने कि गम में हर लम्हा साथ बिताया..
आखरी exam कहके नही की किसी ने पढ़ाई..
इसीलिये अब पुरी तरह लगी पडी है हमारी..[;)]
god bless me...हेहे


वजह

किसी रोज जिन्दगी में एक नयी सुबह होगी
उन्ही राहोंपे चलने की एक नयी बात होगी
साहिल में शामील एक नयी शरारत होगी
धडक्ते दिल की एक नयी धुन होगी
फिर भी, मुस्कुराहट में छुपी एक उदासी होगी
आँखो में कही बसी उन्ही की याँदे होगी
घावो पे लगे मरहम से अजीब जलन होगी
मेरी शायरी की शायद, वोही एक वजह होगी

उफ ये दर्द

नीले गगन में कही जिन्दगी छूट गयी
कोई कागज़ की कश्ती हमारी डूब गयी
मजधार मे हमे वोह कही छोड गयी
खता ना थी हमारी, फिर भी वोह हमसे रूठ गयी॥

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अंधेरों में रोशनी से डर जाते है
अपनी ही पर्छायीं से छीप जाते है
धडकनो पे अपनी हम शक करते है
अपने आप से ही हम अब रूठ जाते है

dream girl

कौन हो तुम, मुझे क्यों नही बताती हो...
किस बात पे तुम युही इतराती हो
आँखो ही आँखो में कुछ केह जाती हो..
ज़ुबान से तुम, ना कुछ कभी बताती हो..
कभी हस्ती, और कभी हसाती हो..
पर सिर्फ ख्वाबो में ही क्यों आती हो..