2.4.07

कुछ पल

कुछ पल जिंदगी के सोगात बन जाते॥
गुजरे हुए कल की वोह तस्वीर बन जाते है॥
हर एक मुस्कान की याद वोह दिलाते है॥
हर एक आसूं के निशान वोह बन जाते है॥
कुछ भूले दोस्तो को ढुंड वोह लाते है॥
साथ गुजारे लम्हों को जिंदा कर जाते है॥
कभी दर्द तो कभी मरहम बन जाते है॥
जब तनहाई मैं ये पल चुपके से आते है॥

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