2.4.07

तरसते रहे

प्यार के बादल हमपे हमेशा बरसते रहे॥
फिर भी प्यार की एक बूँद के लिए तरसते रहे॥
भीग गए हम पुरे सिर से पैरो तक॥
फिर भी पिने के लिए तो तरसते रहे॥

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