19.5.07

राशन

राशन की दुकान की बातें अजीब होती है॥
राशन किसी और का, पर किसी और को देती है॥

मेहंगाई से बचने के लिए यहाँ कतारे लगती है,
जिन्दगी से फुरसत लिए यहाँ जिन्दगी इंतजार करती है॥

तिलमिलाती धुप से, माँ शिशु को आचल में छुपाती है,
काला बजारियों की भूक से, अपना आचल सुना ही पाती है,

आस में कईयों की उमर गुजर जाती है,
गुजर जाते है कुछ, जिनकी आस जाती है॥

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