20.10.07

बदनसीबी

बदनसीबी मेरी, इतनी खुशनसीब तू नही
रुला दिया तुने मुझ को, पर गम में मैं नही
हराने की थी पूरी कोशीश, पर हर्नेवालो मैं हम नही

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