27.4.06

यार तेरे यारी पे मेरी ये जिंदगी कुर्बान

काफी सारे दोस्त हमारे खुशियों में शरिख होते है॥
उसमें से कुछ दोस्त हमारी जुदाई से रुसवा हो जाते है॥
उसमें से कुछ हमारे गमों में शरिख होते है॥
सच्चे दोस्त दिल में बस जाते है और जिन्दगी में शरिख होते है॥

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गम ना होते तो आसूं ना होते॥
खुशिया ना होती तो मुस्कुराहट ना होती॥
तुम ना होते तो ये दोस्ती ना होती॥
ये दोस्ती ना होती तो ये जिंदगी ना होती॥

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अभी प्यार ही मेरा धरम है और दोस्ती मेरा इमान॥
ए यार तेरे यारी पे मेरी ये जिंदगी कुर्बान॥

ऐसे लगता है जैसे अभी तो हुए हम आपसे रुबरू॥
आपसे दूर होने की हमारे दिल में नही है आरजू॥

आपसे बिछडके हमे ना होगा जीना गवारा॥
जिंदगी रही तो मिलेंगे जरूर दोबारा॥

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