20.4.06

जिन्दगी


जिन्दगी की बहूत अजब है कहानी
बडे बडे पत्थर भी बन जाते है पानी
वैसे ये बात है बहुत पुरानी
फिर भी सुनो इसे मेरी जुबानी

कभी खुशियाँ देकर हसाती है
कभी गम देकर बडा रुलाती है
दोस्तो कि तरह अपना बनाती है
बेवफा कि तरह तनहा छोड जाती है

कभी सैलाबों में नही उजडती है
कभी एक झोके से उड जाती है
कभी चांदनीसि रोशन रहती है
कभी अमावस के अंधेरों से भरी है

कभी माँ का लाड दे जाती है
कभी पापा कि डाट खिलाती है
कभी दीदी सी बातें बाट लेती है
कभी भैय्या सी मुझसे जगाड्ती है

अनजानो को हमसफर ये बनाती है
हमसफर को बेगाना कर जाती है
इस्सका नाम ही तो दोस्त जिंदगी है
जो हर हाल में चलती जाती है

3 comments:

Unknown said...

no other shayaris???
Cmon man,,,keep updating it...i have told all my pals and they dont wanna come here and find an empty blog...:)

Savita said...

cool man... seeing an hindi blog for the first time... keep it up.. and keep updating....

btw that was a really cool pic.
cya

Himanshu said...

WOW!! Keep updated dude, you gotta wonderful flair!