13.5.06

फिर ये बारिश

फिर ये बारिश मेरी तनहाई चुराने आयी
अकेली नही साथ में प्यार की आंधी लाई

खुद से ही दिल पे जमी यादों की धुल हटा

अपने एहसास से एक नयी उमंग मुझ में जगा

बूंदों के रुप में मुझे कुछ सपने है लाई

लगता है की जिन्दगी ने नई करवट है खा

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