4.5.06

यादे

गम के साये में कभी, मुस्कुराहट की चादर ओढ लेते है
अपने आज के साये में कभी, हम कल को पनाह दे देते है


दिल की चोट पे कभी, एक जख्म रोज नया हम देते है

उनकी यादों में अभी, सिर्फ आंसू ही बहा देते है


प्यार के एहसास से कभी, हम अपने जख्मो को सिल्वा लेते है

उन्ही आंसूओ से अभी, यादों के जख्मो को साफ करते है

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